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यूजीसी ने विदेशी विश्वविद्यालयों के कोर्सों के खिलाफ छात्रों को चेतावनी दी

यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने शनिवार को विदेशी यूनिवर्सिटीजी के भारत में चलने वाले कोर्सों को लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। इनमें से कुछ कोर्स तो भारत के तमाम प्राइवेट विश्वविद्यालयों में पढ़ाए भी जा रहे रहे हैं लेकिन यूजीसी ने किसी भी कोर्स को मान्यता नहीं दी है।
यूजीसी नियमों में कहा गया है कि कोई भी विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थान यूजीसी की पूर्व मंजूरी के बिना भारत में कोई भी कार्यक्रम पेश नहीं करेगा, एचईएल किसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था के तहत कार्यक्रम पेश नहीं करेगा और ऐसे कार्यक्रमों को यूजीसी द्वारा मान्यता नहीं दी जाएगी।

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यूजीसी ने संयुक्त डिग्री, दोहरी डिग्री कार्यक्रम की पेशकश के लिए कुछ भारतीय और विदेशी उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच शैक्षणिक सहयोग को मंजूरी दी है। जिसके तहत भारत में विदेशी उच्च शैक्षणिक संस्थानों के परिसरों की स्थापना और संचालन को मान्यता दी गई है। लेकिन कोई भी डिग्री कोर्स जब तक यूजीसी मंजूर नहीं करता है, तब तक उस कोर्स को पढ़ाया नहीं जा सकता।

इसके अतिरिक्त, यूजीसी ने एडटेक प्लेटफार्मों को ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रम पेश करने के खिलाफ भी चेतावनी दी। यूजीसी ने कहा- “यूजीसी के संज्ञान में यह भी आया है कि कुछ एडटेक कंपनियां कुछ विदेशी विश्वविद्यालयों/संस्थानों के सहयोग से ऑनलाइन मोड में डिग्री और डिप्लोमा कार्यक्रमों की पेशकश करने वाले समाचार पत्रों/सोशल मीडिया/टेलीविजन आदि में विज्ञापन दे रही हैं। नोटिस में कहा गया है कि ऐसी फ्रेंचाइजी व्यवस्था की अनुमति नहीं है और ऐसे किसी भी कार्यक्रम/डिग्री को यूजीसी मान्यता नहीं होगी।

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यूजीसी ने यह भी कहा कि सभी दोषी एडटेक कंपनियों के साथ-साथ एचईआई के खिलाफ भी लागू कानूनों/नियमों/विनियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

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क़मर वहीद नक़वी
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