देश भर में इसे लेकर चिंता है कि अर्थव्यवस्था की हालत ख़राब है और बेरोज़गारी चरम पर है। इसके पक्ष में ऑटो सेक्टर में मंदी और इस वजह से लाखों नौकरियां का जाना, हीरा उद्योग से नौकरियों का जाना, जीडीपी का 5 फ़ीसदी पर आ जाना, सेंसेक्स का गिरना, उत्पादन कम होना, माँग का गिरना जैसे तर्क दिये जा रहे हैं। कुछ समय पहले नेशनल सैंपल सर्वे ऑर्गनाइजेशन (एनएसएसओ) के आंकड़ों से यह भी ख़बर आई थी कि देश में बेरोज़गारी की दर पिछले 45 साल में सबसे ज़्यादा हो गई। लेकिन लोकसभा चुनाव मुंह सामने होने के कारण केंद्र सरकार ने तब इसे नकार दिया था लेकिन चुनाव बाद मान भी लिया था।