दिल्ली में नागरिकता क़ानून को लेकर जबरदस्त हिंसा हो चुकी है। 18 लोगों की जान जा चुकी है और 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। देश की राजधानी के एक बड़े हिस्से में आग लगी हुई है। सोशल मीडिया इस हिंसा के वीडियो और फ़ोटो से पट चुका है। घरों-दुकानों से लेकर ऑफ़िसों में बैठे लोग इस हिंसा को लेकर बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आख़िर इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? उनके पूछने का सीधा मतलब यही है कि क़ानून व्यवस्था क्या इतनी कमजोर हो गयी है कि देश की राजधानी में दंगाई हत्याएं करें, गाड़ियां-दुकानें जलायें और पुलिस कुछ नहीं कर सके। वे जानना चाहते हैं कि आख़िरकार पुलिस दंगाइयों पर क़ाबू क्यों नहीं पा सकी।