दिल्ली में नागरिकता क़ानून को लेकर जबरदस्त हिंसा हो चुकी है। 18 लोगों की जान जा चुकी है और 250 से ज़्यादा लोग घायल हैं और यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। देश की राजधानी के एक बड़े हिस्से में आग लगी हुई है। सोशल मीडिया इस हिंसा के वीडियो और फ़ोटो से पट चुका है। घरों-दुकानों से लेकर ऑफ़िसों में बैठे लोग इस हिंसा को लेकर बस एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आख़िर इतने लोगों की मौत का जिम्मेदार कौन है? उनके पूछने का सीधा मतलब यही है कि क़ानून व्यवस्था क्या इतनी कमजोर हो गयी है कि देश की राजधानी में दंगाई हत्याएं करें, गाड़ियां-दुकानें जलायें और पुलिस कुछ नहीं कर सके। वे जानना चाहते हैं कि आख़िरकार पुलिस दंगाइयों पर क़ाबू क्यों नहीं पा सकी।
दिल्ली: क्या हिंसा की ज़िम्मेदारी लेते हुए पद से इस्तीफ़ा देंगे अमित शाह?
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- 6 Mar, 2021

दिल्ली में हुई हिंसा में 17 लोगों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या अमित शाह जिम्मेदारी लेंगे, क्या वह अपने पद से इस्तीफ़ा देंगे?
कपिल मिश्रा को क्यों नहीं किया गिरफ़्तार?
दिल्ली की क़ानून व्यवस्था केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन है। यानी अमित शाह के आदेश पर ही दिल्ली पुलिस काम करती है। नागरिकता क़ानून के विरोध में जब शनिवार रात को महिलाएं जाफ़राबाद इलाक़े में सड़क पर धरना दे रही थीं तो उसके बाद अगले दिन कपिल मिश्रा ने धमकी दी थी कि पुलिस सड़क को खाली करा ले, वरना वे लोग सड़कों पर उतरेंगे। लेकिन न जाने पुलिस ने कपिल मिश्रा को गिरफ़्तार क्यों नहीं किया। न जाने पुलिस ने कपिल मिश्रा को रविवार को अपने सैकड़ों साथियों के साथ महिलाओं के प्रदर्शन स्थल से कुछ दूरी पर क्यों इकट्ठा होने दिया। इसके बाद रविवार को ही हालात बिगड़े और मौजपुर इलाक़े में इस क़ानून के समर्थकों और विरोधियों में पथराव हो गया।