मोदी सरकार के ‘अच्छे दिन’ के वादे अब क़र्ज़ के पहाड़ तले दबते नज़र आ रहे हैं! कांग्रेस ने आरबीआई के ताज़ा आँकड़ों के साथ सरकार पर जोरदार हमला बोला है, जिसमें प्रति व्यक्ति क़र्ज़ में भारी बढ़ोतरी की बात कही गई है। प्रति व्यक्ति क़र्ज़ का मतलब है कि देश के हर व्यक्ति पर औसतन इतना क़र्ज़ है। पार्टी ने कहा है कि क़र्ज़ ने आम आदमी की कमर तोड़ दी है। आखिर क्यों बढ़ रहा है क़र्ज़ का यह जाल और कांग्रेस ने हमला क्यों किया है?
प्रति व्यक्ति क़र्ज बढ़ा तो कांग्रेस बोली- यह 'अच्छे दिन' की असल तस्वीर है?
- अर्थतंत्र
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- 2 Jul, 2025
भारत में प्रति व्यक्ति क़र्ज़ में तेज़ी से बढ़ोतरी पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरा। क्या यह 'अच्छे दिन' की असल तस्वीर है? जानिए सरकार की आर्थिक नीतियों पर उठते सवाल।

कांग्रेस ने इसे मोदी सरकार के उस ‘अच्छे दिन’ वाले नारे से जोड़ा है जिसका वादा कर वह सत्ता में आई है। कांग्रेस ने इसे ‘अच्छे दिन’ का क़र्ज़ क़रार देते हुए कहा कि मौजूदा सरकार की आर्थिक नीतियों ने आम नागरिकों पर क़र्ज़ का बोझ बढ़ा दिया है। पार्टी ने दावा किया कि व्यक्तिगत उधारकर्ताओं पर प्रति व्यक्ति क़र्ज़ में लगातार हो रही वृद्धि ने देश की आर्थिक स्थिति को और कमजोर किया है। कांग्रेस ने कहा है-
- 2 साल में प्रति व्यक्ति क़र्ज़ 90,000 बढ़कर 4.8 लाख रुपये हो गया है।
- आमदनी का 25.7% हिस्सा सिर्फ़ क़र्ज़ चुकाने में जा रहा है।
- सबसे ज़्यादा 55% लोन कथित रूप से क्रेडिट कार्ड, मोबाइल ईएमआई आदि के लिए जा रहा है।
- असुरक्षित कर्ज 25% पार हो चुका है।