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कर्नाटक में नये नेता की तलाश में बीजेपी?

कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस सरकार के गिरने की आशंकाओं के बीच राज्य में बीजेपी नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी आलाक़मान येदियुरप्पा के स्थान पर किसी नये नेता की तलाश में जुट गया है। बीजेपी के मुख्य रणनीतिकारों को लगता है कि अब येदियुरप्पा में पहले जैसा करिश्मा और जन-आकर्षण नहीं रहा है। सूत्र बताते हैं कि दक्षिण से बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री येदियुरप्पा को या तो मार्गदर्शक मंडल में भेजा जा सकता है या फिर उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस वजह से भी येदियुरप्पा को हटाना चाहते हैं क्योंकि उनके ख़िलाफ़ कर्नाटक के कई बीजेपी नेता ही शिकायतें करने लगे हैं। कर्नाटक की राजनीति पर गहरी पकड़ रखने वाले कुछ जानकारों के मुताबिक़ येदियुरप्पा की सम्मानजनक विदाई की तैयारी शुरू हो गयी है। उनकी जगह नये नेता की तलाश भी शुरू हो गई है।

बीजेपी आलाक़मान की नज़र लोकसभा सदस्य शोभा करान्दलाजे, पूर्व केंद्रीय मंत्री अनन्त कुमार हेगड़े, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार, पूर्व उप-मुख्यमंत्री आर. अशोक पर है।

शोभा हमेशा से ही येदियुरप्पा गुट में प्रभावशाली रही हैं। जब येदियुरप्पा ने बीजेपी छोड़कर अपनी पार्टी बना ली थी तब भी शोभा येदियुरप्पा के समर्थन में ही थीं। शोभा भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सीधे जुड़ी हुई हैं। उनके पास सरकार में काम करने का अनुभव भी है। प्रशासन और पार्टी पर पकड़ है। शोभा प्रभावशाली वोक्कालिगा समुदाय से हैं। वे रेस में आगे बतायी जा रही हैं। 

अनंत कुमार हेगड़े पिछली मोदी सरकार में राज्य मंत्री थे। उन्हें तेज़तर्रार और कट्टर हिंदुत्ववादी नेता के तौर पर देखा जाता है। इस बार मोदी सरकार में जगह न दिए जाने से यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि अनंत कुमार हेगड़े को राज्य की राजनीति में सक्रिय किया जा सकता है। 

पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार भी येदियुरप्पा की जगह ले सकते हैं। वे लिंगायत समुदाय से हैं और इस समुदाय ने हमेशा बीजेपी का साथ खुलकर और जमकर दिया है। नई केंद्र सरकार में मोदी मंत्रिमंडल में जगह पाने वाले सदानंद गौड़ा और प्रह्लाद जोशी पर भी बीजेपी आलाक़मान की नज़र है।

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क्या नया नेता लाना आसान होगा?

कुछ जानकार ऐसे भी हैं जो यह कहते हैं कि येदियुरप्पा की जगह नया नेता लाना बीजेपी अध्यक्ष के लिए आसान भी नहीं होगा। येदियुरप्पा कर्नाटक के सबसे लोकप्रिय बीजेपी नेता हैं। उन्होंने ही कर्नाटक में बीजेपी को खड़ा किया और अपने संघर्ष के बूते सत्ता में लाया। येदियुरप्पा को सभी मठों और पीठों का आशीर्वाद भी प्राप्त है। आरएसएस के सभी नेता येदियुरप्पा का सम्मान करते हैं। इन कुछ जानकारों का कहना है कि इस बार बीजेपी का आलाक़मान येदियुरप्पा को ही मुख्यमंत्री बनाएगा और उनके मुख्यमंत्री रहते हुए ही उनके उत्तराधिकारी यानी कर्नाटक में बीजेपी के नये अध्यक्ष की घोषणा करेगा। लेकिन इतना तय है कि बीजेपी के शीर्ष रणनीतिकारों ने येदियुरप्पा के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी है।

अगर सूत्रों की बातें सही हैं तो कुमारस्वामी सरकार के गिरने के साथ ही कर्नाटक में येदियुरप्पा युग की भी समाप्ति होगी।

क्या कुमारस्वामी सरकार गिरगी?

बीजेपी आलाक़मान इस बात को लेकर आश्वस्त है कि कर्नाटक में कुमारस्वामी जल्द ही गिर जाएगी। राजनीति के जानकार भी मानते हैं कि कर्नाटक में जेडीएस-कांग्रेस की गठबंधन सरकार का अपने आप गिरना तय है। लोकसभा चुनाव में क़रारी हार के बाद कांग्रेस और जेडीएस में मतभेद सार्वजनिक तो हुए ही, चरम पर भी पहुँच गये। हालत यह है कि दोनों पार्टियों के नेताओं को एक-दूसरे पर भरोसा नहीं है। सूत्रों के मुताबिक़, लोकसभा चुनाव में जेडीएस के संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा और उनके पोते निखिल कुमारवामी (मुख्यमंत्री कुमारस्वामी के बेटे) की हार के बाद से जेडीएस के नेता कांग्रेस के किसी भी नेता पर विश्वास करने को तैयार नहीं हैं। 

जेडीएस के नेताओं, ख़ासकर, मुख्यमंत्री कुमारस्वामी को शक है कि कांग्रेस के नेताओं ने जानबूझ कर लोकसभा चुनाव के दौरान जेडीएस के उम्मीदवार, ख़ासकर, देवेगौड़ा और निखिल के ख़िलाफ़ काम किया। उधर, कांग्रेस के नेता भी जेडीएस के राज्य सरकार में दबदबे को लेकर ख़ासा परेशान हैं। कांग्रेस के ज़्यादातर नेता नहीं चाहते कि जेडीएस से गठबंधन बरक़रार रहे। ऐसी स्थिति में कुमारस्वामी सरकार का जाना तय है। बड़ी बात यह है कि कर्नाटक विधानसभा के लिए चुनाव पिछले साल ही हुए थे। ऐसे में विधानसभा का अभी 4 साल का और समय बाक़ी है।

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बीजेपी नहीं गिराएगी कुमारस्वामी सरकार?

सूत्रों के मुताबिक़, बीजेपी अपनी ओर से कुमारस्वामी सरकार को गिराने की कोई कोशिश नहीं करेगी। इस बात का संकेत ख़ुद बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने दिया है। ख़बर है कि पिछले दिनों नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने दिल्ली गये येदियुरप्पा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने साफ़ तौर से कह दिया था कि कुमारस्वामी सरकार को गिराने की कोई भी कोशिश बीजेपी की ओर से नहीं होनी चाहिए। निर्देश था कि कर्नाटक बीजेपी के नेताओं को कुमारस्वामी सरकार के खुद-ब-खुद गिरने का इंतज़ार करना चाहिए। सरकार गिरने के बाद पार्टी आलाक़मान यह फ़ैसला करेगा कि बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश करेगी या फिर विधानसभा भंग करवा कर चुनाव करवाने की सिफ़ारिश करेगी।

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