साहित्य के नोबेल पुरस्कार में नौ साल बाद कविता की वापसी हुई है और साल 2020 के नोबेल के लिए अमेरिकी कवि लुइस ग्लिक को चुना गया है। साल 2011 में स्वीडन के कवि तोमास ट्रांसत्रोमर को उस समय नोबेल दिया गया था, जब वे लकवे से पीड़ित थे।
नोबेल में कविता की वापसी
- साहित्य
- |
- |
- 10 Oct, 2020

पिछले दो दशकों को देखें तो यह पुरस्कार 21 वर्ष में 19 कथा-लेखकों और सिर्फ़ 2 (बॉब डिलन को जोड़ा जाए तो 3) कवियों के हिस्से में आया है और यह धारणा भी बन गयी थी कि दुनिया में अब उपन्यास का ही बोलबाला है और कविता कहीं हाशिये पर चली गयी है, इसलिए नोबेल पुरस्कार समिति भी उसकी लगातार अनदेखा कर रही है।
मंगलेश डबराल मशहूर साहित्यकार हैं और समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नामों में से एक हैं।