हैदराबाद में एक चिकित्सक से सामूहिक बलात्कार के बाद हत्या और रांची में क़ानून की छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद एक ओर जहां पूरे देश में आक्रोश है, वहीं संसद में ऐसे अपराध के लिये क़ानून को और अधिक कठोर बनाने की माँग उठी है। इस तरह के हैवानियत वाले अपराध के ख़िलाफ़ जनता का आक्रोश पूरी तरह जायज है लेकिन सवाल यह है कि क्या क़ानून में कठोरतम सजा का प्रावधान करना ही पर्याप्त होगा? शायद नहीं।