सभी लोग यह सोच रहे हैं कि 15 अप्रैल से लॉकडाउन (तालाबंदी) हटेगा या नहीं? इस सवाल का जवाब हां या ना में, दोनों ही ठीक नहीं होगा। क्योंकि अगर यह जारी रहता है तो देश के 60-70 करोड़ लोग बेरोजगार हो जाएंगे। वे अपनी रोजी-रोटी को तरस जाएंगे। सरकारें और समाजसेवी संस्थाएं उन्हें घर बैठे-बैठे कब तक खिला सकती हैं?
कोरोना: लॉकडाउन को लेकर बीच का रास्ता अपनाए भारत
- विचार
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- 10 Apr, 2020

अगर लॉकडाउन लंबे समय तक जारी रहा तो इससे करोड़ों लोगों के बेरोज़गार होने का ख़तरा है। लेकिन इसे हटा लें तो तो कहीं भारत में भी इटली और अमेरिका-जैसा विस्फोट न हो जाए। लेकिन सरकारों को यह भी देखना होगा कि लॉकडाउन कहीं कोरोना से भी ज़्यादा जानलेवा सिद्ध न हो जाए। इसीलिए बेहतर होगा कि सरकारें और आम जनता अतिवाद से बचे। मध्यम मार्ग अपनाए।
अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं का कहना है कि भारत की सकल विकास दर 5 प्रतिशत से गिरकर 2 प्रतिशत तक हो सकती है। खेती, कल-कारखानों और व्यापार को जो नुकसान होगा, उसकी भरपाई में बरसों बीत जाएंगे। निराशा, उदासीनता और अंधकारमय भविष्य के डर से नागरिकों में जो मानसिक बीमारियां फैलेंगी, उनके कारण अपराधों में अपूर्व वृद्धि हो सकती है।