भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशा निर्देश एवं डिजिटल मीडिया नैतिकता संहिता) नियम 2021 के प्रावधानों के तहत गत 23 सितंबर को जारी एक निर्देश द्वारा एक बार फिर कथित तौर पर धार्मिक समुदायों के बीच घृणा फैलाने के इरादे से कंटेंट में छेड़छाड़ करने और फ़र्ज़ी ख़बरें प्रसारित करने वाले 10 यूट्यूब चैनल्स से 45 वीडियो को बैन करने का निर्देश दिया गया है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार ख़ुफ़िया एजेंसियों के इनपुट के आधार पर इन्हें प्रतिबंधित किया गया है।
नफरती चैनल्स पर कब कसी जायेगी लगाम?
- विचार
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- 3 Oct, 2022

सरकार ने कथित तौर पर फर्जी ख़बरें और नफ़रती कंटेंट परोसने पर यूट्यूब चैनलों पर प्रतिबंध लगाए हैं, लेकिन क्या सरकार ऐसा ही काम करने वाले टीवी चैनलों पर कार्रवाई करेगी?
सरकार द्वारा बताया जा रहा कि प्रतिबंधित की गयी इन सामग्री को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक बार देखा भी जा चुका है। सरकार द्वारा जारी विज्ञप्ति में कहा गया है यू ट्यूब चैनल्स के प्रतिबंधित वीडियो में धार्मिक समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने के इरादे से फैलाई गई फ़र्ज़ी ख़बरें और मॉर्फ्ड वीडियो शामिल थे। सरकार के अनुसार प्रतिबंधित वीडियो 'सरकार ने कुछ समुदायों के धार्मिक अधिकारों को छीन लिया है', जैसे झूठे दावे करते थे। ये धार्मिक समुदायों के ख़िलाफ़ हिंसक धमकियाँ, भारत में गृह युद्ध की घोषणा जैसी फ़ेक ख़बरें प्रसारित करते थे। इनसे देश में सांप्रदायिक वैमनस्य और सार्वजनिक अव्यवस्था हो सकती थी, इसलिए इन्हें प्रतिबंधित किया गया है।