अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर गत 15 अगस्त को क्रूर तालिबानों के बलात क़ब्ज़े के बाद उनके द्वारा एक बार फिर यह घोषणा की गयी है कि अफ़ग़ानिस्तान में शरिया क़ानून लागू किया जायेगा। इसलामी शरीयत (क़ायदे/क़ानूनों) की नीतियों के अनुसार चलने वाली व्यवस्था को आम तौर पर शरिया या शरिया क़ानून कहा जाता है।
वर्तमान दौर में शरिया क़ानून की प्रासंगिकता?
- विचार
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- 24 Aug, 2021

तालिबान के लड़ाके।
शरिया क़ानून इसलाम की उस क़ानूनी व्यवस्था का नाम है जिसे इसलाम की सबसे प्रमुख व पवित्र पुस्तक क़ुरआन शरीफ़ व इसलामी विद्वानों के फ़तवों, उनके निर्णयों या इन सभी को संयुक्त रूप से मिलाकर तैयार किया गया है।
दूसरे शब्दों में शरिया क़ानून इसलाम की उस क़ानूनी व्यवस्था का नाम है जिसे इसलाम की सबसे प्रमुख व पवित्र पुस्तक क़ुरआन शरीफ़ व इसलामी विद्वानों के फ़तवों, उनके निर्णयों या इन सभी को संयुक्त रूप से मिलाकर तैयार किया गया है।