एनडीए यानी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से उसके सहयोगी दल अलग क्यों होते जा रहे हैं? इनमें शिरोमणि अकाली दल और शिवसेना जैसे बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी दल भी शामिल हैं जिन्हें हर सुख-दुख में बीजेपी का साथी समझा जाता रहा था। दो दिन पहले ही कृषि विधेयकों (अब क़ानून) पर एनडीए का साथ छोड़ने वाले शिरोमणि अकाली दल के नेता सुखबीर सिंह बादल की मानें तो एनडीए में सहयोगी दलों की बात ही नहीं सुनी जाती है। बादल ने साफ़ तौर पर कहा है कि एनडीए सिर्फ़ नाम का है। कुछ ऐसे ही आरोप शिवसेना और टीडीपी ने भी तब लगाए थे जब उन्होंने एनडीए का साथ छोड़ा था। तो सवाल है कि क्या सहयोगी दलों के साथ बीजेपी 'मनमानी' करती है या फिर इन क्षेत्रियों दलों की अपनी कोई और सियासी मजबूरी है?
सुखबीर सिंह बादल बोले- एनडीए सिर्फ़ नाम का है; क्या इसीलिए अलग हो रही हैं पार्टियाँ?
- राजनीति
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- 28 Sep, 2020
अकाली दल बीजेपी गठबंधन टूटने के बाद सुखबीर सिंह बादल ने कहा है कि एनडीए सिर्फ़ नाम का था और उनकी पार्टी के साथ कोई चर्चा नहीं होती थी। क्या शिवसेना, टीडीपी और आजसू जैसे दलों के साथ भी इसी कारण गठबंधन टूटा?
