नतीजे से महज दो दिन पहले दिल्ली चुनाव पर लिखने के लिए ‘एक्जिट पोल’ की भविष्यवाणियाँ या नेताओं के दावे-प्रतिदावे ज़्यादा रुचिकर विषय हो सकते हैं। पर दिल्ली के चुनाव में जीत-हार की अटकलें संभवतः अब उतनी महत्वपूर्ण नहीं रह गई हैं। मुझे इन अटकलों से ज़्यादा महत्वपूर्ण लग रहे हैं, प्रचार-अभियान के दरम्यान उठे तीन बड़े सवाल।
क्या मोदी सरकार के लिए बड़ी मुश्किलें पैदा कर सकता है दिल्ली का छोटा चुनाव?
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- 10 Feb, 2020


आज समाज में क़ानून-पालन के मिजाज और चुनाव आयोग की हैसियत की स्थिति का अनुमान इस बात से लगाया जा सकता है कि बाला साहेब ठाकरे पर उस वक्त लगे इल्ज़ाम दिल्ली के चुनाव में बीजेपी के कतिपय प्रमुख नेताओं की अशिष्ट, उन्मादी और सांप्रदायिक हरकतों से काफी हल्के थे।























