बीजेपी के द्वारा आम आदमी पार्टी पर किए जा रहे जोरदार हमलों के पीछे आखिर बड़ी वजह क्या है। क्या बीजेपी गुजरात और एमसीडी के चुनाव को देखते हुए आम आदमी पार्टी पर ताबड़तोड़ हमले कर रही है।
गुजरात विधानसभा चुनाव में आख़िर खेल क्या चल रहा है? इस बार किन दो दलों के बीच में मुक़ाबला होने जा रहा है? बीजेपी-कांग्रेस या फिर बीजेपी-आप? समझिए, गुजरात में राजनीतिक दाँव-पेच क्या है।
गुजरात का सूरत बीजेपी का गढ़ । लेकिन आप लगाई सेंध । क्या आप ने किया बीजेपी को बेचैन । क्यों बीजेपी पर लग रहा है आप उम्मीदवार के अपहरण का आरोप ? क्यों आप उम्मीदवार पर्चा दाखिल करने के बाद हो गये ग़ायब ? और फिर पुलिस की मौजूदगी में वापस लिया अपना नामांकन ? क्या ये बीजेपी के इशारे पर हुआ ?
चार साल में 10791 करोड़ के इलेक्शन बांड किसने खरीदे? ये इलेक्शन बांड क्या काले धन से खरीदे गए? ये बांड किस पार्टी के खाते में गए? क्या इससे चुनाव में भ्रष्टाचार में इज़ाफ़ा नहीं हो रहा? सुप्रीम कोर्ट इलेक्शन बांड की याचिका पर सुनवाई क्यों नहीं कर रहा?
दिल्ली नगर निगम चुनाव का आख़िर माहौल क्या है? क्या बीजेपी के क़िले को इस बार आप ढहा पाएगी या फिर एमसीडी चुनाव में बीजेपी को हराना आप के बस की बात नहीं?
भारतीय जनता पार्टी अगर हिमाचल के पहाड़ों से लुढ़की तो 2024 की लड़ाई उसके लिए और कठिन हो जाएगी। वैसे हिमाचल में यही चुनौती कांग्रेस के सामने भी है। हिमाचल के चुनावी रण पर जनादेश चर्चा
बिलकीस बानो के बलात्कार के दोषी ठहराए गए 11 दोषियों को जेल से रिहा किए जाने के मामले में गोधरा के बीजेपी विधायक सीके राउलजी ने कहा था उनके अच्छे संस्कार हैं। आख़िर इन्हें फिर क्यों टिकट मिला?
कुछ महीने पहले ही कांग्रेस को अलविदा कहकर अलग पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आज़ाद ने अब कांग्रेस की तारीफ़ क्यों की? जानिए उन्होंने पार्टी के बारे में क्या क्या कहा।
गुजरात चुनाव की घोषणा हो गई है। दो चरणों में चुनाव के बाद 8 दिसंबर को चुनाव नतीजे आ जाएँगे। नतीजे किसके पक्ष में आएंगे? जानिए 2017 के चुनाव नतीजे कैसे रहे थे और किन समुदाय के लोगों ने किसको वोट दिया था।
पूरे देश की नज़र इस बार गुजरात चुनाव पर है क्योंकि इसके नतीजे देश की राजनीति को बदलने वाले साबित हो सकते हैं। तो सवाल है कि गुजरात चुनाव के नतीजे क्या होंगे? क्या इसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है?
प्रदूषण क्या सिर्फ़ दिल्ली में है और क्या इस ख़राब हवा से एक साल में ही 17 लाख लोग दिल्ली में ही मर जाते हैं? यदि ऐसा नहीं है तो फिर प्रदूषण के लिए सिर्फ़ दिल्ली का ही नाम क्यों आता है?
हिंदुत्व का बड़ा पैरोकार कौन? इस लड़ाई में जब बीजेपी ने गुजरात चुनाव से पहले समान नागरिक संहिता लाने का दांव चला तो जानिए आम आदमी पार्टी ने क्या चाल चली।
केजरीवाल को गाज़ीपुर का कूड़े का पहाड़ याद आया, तो बीजेपी के नेताओं को दिखने लगा यमुना का जहरीला झाग। आज ही क्यों खुली हैं दोनों की आंखें? दिल्ली का प्रदूषण क्या सिर्फ चुनावी मुद्दा है? यह पार्टियां कीचड़ उछालने के बजाय सफाई में क्यों नहीं लगतीं?