भारत में एंटीबायोटिक दवाओं की बेरोकटोक बिक्री पर लैंसेट की रिपोर्ट में सवाल उठाया गया है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में भी ऐसा केस आ चुका है कि किस तरह कुछ डॉक्टर और दवा कंपनियां मिलकर इस गोरखधंधे को चला रही हैं। जानिए पूरी कहानी।
कोरोना संक्रमण के दो साल बाद भी क्या उस संक्रमण से उबरे लोगों पर तरह-तरह के ख़तरे बने हुए हैं? जानिए, प्रसिद्ध विज्ञान पत्रिका लांसेट अध्ययन में क्या कहा गया है।
भारत की स्वास्थ्य व्यवस्था में सुधार पर मेडिकल जर्नल लांसेट से जुड़े सिटिज़न कमीशन ने सुझाव दिया है कि कोरोना वैक्सीन को मुफ्त में लगाने के लिए खरीदने और बाँटने की एक केंद्रीय स्तर व्यवस्था होनी चाहिए।
मेडिकल जर्नल लांसेट ने कोरोना से निपटने के प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों को लेकर आलोचनात्मक संपादकीय छापा है। पत्रिका ने लिखा है कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार कोरोना महामारी से निपटने से ज़्यादा आलोचनाओं को दबाने में लगी हुई दिखी।
Satya Hindi news Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। दुनिया में पहले से कई गुना अधिक तेज़ी से फैल रहे कोरोना को लेकर अब मेडिकल जर्नल लैंसेट ने एक अध्ययन से दावा किया है कि ये हवा में अधिक तेज़ी से फैल रहा है।