पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता डॉ उदित राज अपने इस लेख में कहते हैं हरिद्वार धर्म संसद के जरिए सिर्फ मुसलमानों पर ही निशाना नहीं साधा गया, आरएसएस के निशाने पर भारतीय संविधान भी है। उनकी नजर अनुसूचित जाति-जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण पर भी है। और भी बहुत कुछ कहा है डॉ उदित राज ने।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से संबोधन में दलितों, पिछड़ों और गरीब तबके के कल्याण के लिए उठाए गए कदमों को गिनाने की भरपूर कवायद की। पर क्या सच में उनको इसकी फ़िक्र है?
सुप्रीम कोर्ट ने जिस अनुसूचित जाति एवं जनजाति को उपवर्ग में बाँटने की संभावना को लेकर इस हफ़्ते फ़ैसला दिया है, उस मसले पर अधिकतर राज्यों की सहमति नहीं रही है।
शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की है कि 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह टिप्पणी अनुसूचित जनजातियों को 100 प्रतिशत आरक्षण देने के 20 साल पुराने फ़ैसले पर आई है।
केंद्र सरकार में 89 सचिवों में से अनुसूचित जाति यानी एससी के सिर्फ़ एक और अनुसूचित जनजाति यानी एसटी से तीन सचिव हैं। अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी से कोई भी सचिव नहीं है। ये आँकड़े हाल ही में संसद में रखे गए थे। सत्य हिंदी न्यूज़