खोज करना हम इंसानों की फितरत है। हम हमेशा से ही अपने चारों ओर की दुनिया को जानने-समझने के लिए लालायित रहे हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक़ शुरुआत में होमो सेपियंस यानी आधुनिक मानव headlin एफ्रो-एशियाई भू-भाग में ही रहते थे। तो सवाल यह उठता है कि फिर कालांतर में हम इंसान अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड और हवाई जैसे सुदूर द्वीपों तक कैसे पहुँचे?

हाल ही में चीन की स्पेस एजेंसी ‘सीएनएसए’ ने ‘चांग ए-5’ नामक एक स्पसेक्राफ्ट चाँद की ओर भेजा है। इस 20-25 दिवसीय मिशन के तहत चीन चाँद पर से मिट्टी और चट्टानों के सैंपल इकट्ठा करके धरती पर लाएगा।
आज से क़रीब 45,000 साल पहले शुरुआती मनुष्य ऑस्ट्रेलिया पहुँचे। ऑस्ट्रेलिया तक पहुँचने के लिए इंसानों ने बगैर किसी रक्षा तकनीक के सैकड़ों किलोमीटर के कई समुद्री चैनलों को पार किया। आख़िर क्यों जान हथेली पर रखकर इंसान ने समुद्र की विकराल लहरों से अठखेलियाँ करने की जुर्रत की? इसका संक्षिप्त और सटीक जवाब है- मानव की जिज्ञासा या उत्सुकता और अपने चारों ओर की प्रकृति को जानने-समझने की ललक या स्थानांतरण और नई दुनिया बसाने की चाहत।