भारतीय समाजवादी आंदोलन के नायकों में से एक मधु लिमये का 100वां जन्मदिवस मनाया जा रहा है। ये उनका जन्म शताब्दी वर्ष है। एक प्रबुद्ध समाजवादी नेता के रूप में 1948 से लेकर 1982 तक विभिन्न चरणों में और अलग-अलग भूमिकाओं में समाजवादी आंदोलन का नेतृत्व और मार्गदर्शन करने वाले मधु लिमये भारतीय स्वाधीनता संग्राम के सेनानी और गोवा मुक्ति आंदोलन के नायकों में से भी एक थे।

लोकसभा में जब सोशललिस्ट पार्टी के कुल 7-8 सदस्य ही होते थे तो भी मधु लिमये भारी-भरकम बहुमत वाली सरकार पर भी बहुत भारी क्यों पड़ते थे?
मधु लिमये का जन्म 1 मई, 1922 को महाराष्ट्र के पूना में हुआ था। कम उम्र में ही उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी। अपनी स्कूली शिक्षा के बाद मधु लिमये ने 1937 में पूना के फर्ग्युसन कॉलेज में उच्च शिक्षा के लिए दाखिला लिया और तभी से उन्होंने छात्र आंदोलनों में भाग लेना शुरू कर दिया। इसके बाद मधु लिमये एसएम जोशी, एनजी गोरे वगैरह के संपर्क में आए और अपने समकालीनों के साथ-साथ राष्ट्रीय आंदोलन और समाजवादी विचारधारा के प्रति आकर्षित हुए। समाजवादी आंदोलन में वे जयप्रकाश नारायण और डॉ. राममनोहर लोहिया के क़रीबी सहयोगी रहे।