कुनाल कामरा का स्टूडियो एक विशाल विवाद का केंद्र बना! सब कुछ कॉमिक कुनाल कामरा से जुड़े हंगामे से शुरू हुआ, जिसके बाद शिंदे के समर्थकों ने तोड़-फोड़ का सदमेजनक कार्य किया। लेकिन असली चेतावनी घंटी तब बजी जब बीएमसी ने उसी शाम स्टूडियो को ढहा दिया, जबकि सर्वोच्च न्यायालय का एक आदेश मौजूद था जो इसकी सुरक्षा करता था।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।