बिहार में राजनीति की हवा बिल्कुल अलग ढंग से बहती है। इस समय जब पूरे देश में ज्ञानवपी मस्जिद, मथुरा कृष्ण मंदिर और क़ुतुब मीनार को लेकर हलचल मचा है तब बिहार की राजनीति में कुछ अलग सवालों का जवाब ढूँढा जा रहा है। क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से अलग हो जायेंगे? क्या नीतीश की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) अब लालू /तेजस्वी यादव के राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ सरकार बनायेगी? क्या बीजेपी अब नीतीश कुमार को उप राष्ट्रपति बना कर बिहार की राजनीति से अलग करना चाहती है? ये कुछ ऐसे सवाल हैं जो पिछले कई महीनों से बिहार में लगातार उठाए जा रहे हैं।

बिहार में जाति जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव की एक राय क्या बनती दिखी, कयास लगाए जाने लगे कि क्या अब बीजेपी और जेडीयू गठबंधन टूटने वाला है? आख़िर बार-बार गठबंधन पर ऐसे सवाल क्यों उठते हैं?
ये सवाल क्यों उठ रहे हैं इसका कोई साफ़ कारण दिखाई नहीं देता है। विधानसभा अध्यक्ष और नीतीश कुमार के बीच थोड़ी गर्मागर्मी हो जाती है तो सरकार टूटने की चर्चा होने लगती है। बीजेपी का कोई स्थानीय नेता, राज्य सरकार के ख़िलाफ़ बयान देता है तो गठबंधन टूटने का क़यास लगाया जाने लगता है।
शैलेश कुमार न्यूज़ नेशन के सीईओ एवं प्रधान संपादक रह चुके हैं। उससे पहले उन्होंने देश के पहले चौबीस घंटा न्यूज़ चैनल - ज़ी न्यूज़ - के लॉन्च में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। टीवी टुडे में एग्ज़िक्युटिव प्रड्यूसर के तौर पर उन्होंने आजतक