दलाई लामा एक बार फिर भारत और चीन के बीच तनाव का कारण बन रहे हैं। 1959 में उन्होंने भारत में शरण ली थी जिससे हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा बेमानी बन गया था और तीन साल बाद भारत और चीन के बीच युद्ध हो गया था। नब्बे वर्ष के हो चुके दलाई लामा चाहते हैं कि अगला दलाई लामा तिब्बती आध्यात्मिक परंपरा के तहत ही हो जबकि चीन इसे मानने को तैयार नहीं है। वह दलाई लामा संस्था को नियंत्रण में लेकर तिब्बत के विलय को पूर्ण कर लेना चाहता है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने इस मुद्दे पर दलाई की इच्छा को सर्वोच्च बताया था जिस पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। कुछ रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगर भारत और चीन के बीच फिर से युद्ध हुआ तो वजह दलाई लामा होंगे।
दलाई लामा के मुद्दे पर फिर छिड़ सकता है भारत-चीन युद्ध!
- विश्लेषण
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- 10 Jul, 2025

दलाई लामा की उत्तराधिकारी योजना और चीन के विरोध के चलते भारत-चीन के बीच फिर से तनाव गहराने की आशंका है। जानिए इस संवेदनशील मुद्दे पर कूटनीतिक हलचल और संभावित टकराव की वजहें।
6 जुलाई 2025 को 14वें दलाई लामा टेंजिन ग्यात्सो ने अपने 90वें जन्मदिन पर एक वीडियो संदेश में कहा कि उनका उत्तराधिकारी गादेन फोडरंग ट्रस्ट द्वारा चुना जाएगा। उधर, चीन का दावा है कि दलाई लामा का उत्तराधिकार उसकी जिम्मेदारी है और इसे चीनी कानूनों और "गोल्डन अर्न" प्रक्रिया के तहत होना चाहिए। इस प्रक्रिया में संभावित उम्मीदवारों के नाम एक सोने की कलश में डाले जाते हैं, और लॉटरी के माध्यम से चयन होता है।