बरसों से पंजाब और हरियाणा के बीच घमासान का केंद्र बने सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर का जिन्न एक बार फिर पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बयान के बाद बाहर निकल आया है। अमरिंदर ने कहा है कि अगर एसवाईएल नहर बनी तो पंजाब जल उठेगा। अमरिंदर जैसे बेहद अनुभवी और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे होने के बाद भी उनके इस तरह के बयान से समझा जा सकता है कि यह मुद्दा पंजाब के लिए कितना गंभीर है।
कैसे सुलझेगा दशकों पुराना एसवाईएल विवाद, हरियाणा-पंजाब फिर आमने-सामने
- हरियाणा
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- 6 Mar, 2021

परेशानी यह है कि पंजाब के लोग राज्य में पहले से ही घट रहे जलस्तर के कारण हरियाणा को पानी नहीं देना चाहते। ऐसे में अगर सर्वोच्च अदालत हरियाणा के पक्ष में भी कोई बड़ा फ़ैसला दे भी देती है तो बहुत मुश्किल है कि पंजाब इसके लिए तैयार हो। हरियाणा की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (शिअद) बादल ने इस मुद्दे पर जमकर राजनीति की है। इस विवाद को अगर कोई सुलझा सकता है तो वह सिर्फ सुप्रीम कोर्ट है।
इस विवाद को समझने के लिए थोड़ा पीछे जाना होगा। 1965 तक पंजाब और हरियाणा एक ही थे। 1966 में हरियाणा अस्तित्व में आया। तब पानी पर अधिकार पंजाब का था लेकिन नए बने राज्य को भी पानी चाहिए था, इसलिए हरियाणा के लोगों ने अपने हिस्से का पानी मांगना शुरू किया और यहीं से यह विवाद शुरू हुआ।