500 से ज़्यादा शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल साइंसेज यानी TISS के एक अध्ययन की तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि टीआईएसएस का माइग्रेशन अध्ययन चुनाव से पहले मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि यह अध्ययन हाशिए पर पड़े समुदायों को बदनाम करने और मुंबई में प्रवासियों के खिलाफ़ हिंसा भड़काने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।