नैशनल रजिस्टर ऑफ़ सिटीजंस (एनआरसी) को लेकर उठ रहे तमाम सवालों के बीच मंगलवार को जब केंद्रीय कैबिनेट ने नैशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दी, तो सवालों की बाढ़ ही आ गई। पहला सवाल यह उठा कि क्या एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध है। ऐसे ही कुछ सवालों का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई को दिये एक इंटरव्यू में कहा है कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है। शाह ने कहा कि दोनों ही अलग-अलग क़ानूनों से संचालित होते हैं और एनपीआर के आंकड़ों को एनआरसी के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंगलवार को ही केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने भी कहा था कि एनपीआर का एनआरसी से कोई संबंध नहीं है।
एनपीआर के आधार पर एनआरसी बनेगा, मोदी सरकार 9 बार कह चुकी है
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- 25 Dec, 2019
सरकार के गृह मंत्री और वरिष्ठ मंत्री के इन बयानों के बाद क्या मान लिया जाना चाहिए कि एनपीआर और एनआरसी का आपस में कोई संबंध नहीं है।

इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, ‘एनपीआर एक डाटाबेस है जिसके आधार पर नीति बनती है जबकि एनआरसी में लोगों की नागरिकता का सबूत माँगा जाता है। उन्होंने कहा कि एनपीआर को एनआरसी के लिए इस्तेमाल किये जाने की बातें सिर्फ अफ़वाह हैं।’ सरकार के गृह मंत्री और वरिष्ठ मंत्री के इन बयानों के बाद क्या मान लिया जाना चाहिए कि एनपीआर और एनआरसी का आपस में कोई संबंध नहीं है।