मशहूर अमेरिकी पत्रिका 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' की एक ख़बर के बाद भारत की सियासत में भूचाल मचा हुआ है। ख़बर में दावा किया गया है कि फ़ेसबुक ने बीजेपी से जुड़े लोगों की नफ़रत फ़ैलाने वाली पोस्ट को नहीं हटाया। पत्रिका के मुताबिक़, ऐसे कम से कम तीन मामले सामने आए हैं।
थरूर के फ़ेसबुक अधिकारियों को तलब करने की बात पर बीजेपी सांसद क्यों भड़के?
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- 27 Aug, 2020
मशहूर अमेरिकी पत्रिका 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' की एक ख़बर के बाद भारत की सियासत में भूचाल मचा हुआ है।

इस ख़बर के सामने आने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे लपका और ट्वीट कर कहा, ‘बीजेपी-आरएसएस भारत में फेसबुक और वॉट्सएप का नियंत्रण करते हैं। इस माध्यम से ये झूठी ख़बरें व नफ़रत फैलाकर वोटरों को फुसलाते हैं।’ ख़ुद को घिरता देख बीजेपी ने केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और तमाम प्रवक्ताओं को इसका जवाब देने के लिए टेलीविजन चैनलों के मोर्चे पर तैनात किया।
विवाद बढ़ने के बाद फ़ेसबुक ने इस पर सफाई दी और कहा है कि वह ऐसी सामग्री जिससे ‘नफ़रत को बढ़ावा मिलता हो’ या ‘हिंसा को उकसावा मिलता हो’ उसे रोक देता है।