loader
रुझान / नतीजे चुनाव 2024

जम्मू-कश्मीर 90 / 90

कांग्रेस-एनसी
49
बीजेपी
29
पीडीपी
3
अन्य
9

हरियाणा 90 / 90

कांग्रेस
37
बीजेपी
48
जेजेपी
0
इनेलो
2
अन्य
3

चुनाव में दिग्गज

उमर अब्दुल्ला
NC - बडगाम

जीत

इल्तिजा मुफ्ती
PDP - श्रीगुफवारा-बिजबेहरा

हार

महिला अधिकारी ने वायुसेना के अफ़सर पर दर्ज कराई दुष्कर्म की एफ़आईआर

भारतीय वायुसेना की एक महिला फ्लाइंग ऑफिसर ने विंग कमांडर पर बलात्कार का आरोप लगाया है। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत के आधार पर जम्मू-कश्मीर के बडगाम पुलिस स्टेशन में एफ़आईआर दर्ज की गई है। पीड़ित अधिकारी और आरोपी अफ़सर दोनों ही श्रीनगर के एयरफोर्स स्टेशन पर तैनात हैं।

महिला फ्लाइंग ऑफिसर ने अपनी शिकायत में कहा है कि पिछले दो वर्षों से उन्हें हैरसमेंट, यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना का सामना करना पड़ रहा है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार 8 सितंबर को बडगाम पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 376 (2) के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी, जो 1 जनवरी, 2024 को कथित घटना के समय लागू थी। यह धारा केंद्र या राज्य सरकार द्वारा किसी क्षेत्र में तैनात सशस्त्र बलों के सदस्य द्वारा किए गए बलात्कार से संबंधित है।

ताज़ा ख़बरें

महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि श्रीनगर के एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों द्वारा पिछले दो वर्षों में उन्हें लगातार यौन उत्पीड़न और मानसिक यातना दी गई है। अपनी शिकायत में महिला अधिकारी ने आरोप लगाया है कि 31 दिसंबर, 2023 को श्रीनगर के एयर फोर्स स्टेशन के ऑफिसर्स मेस में आयोजित नए साल की पार्टी के बाद उसे यौन संबंध के लिए मजबूर किया गया।

उन्होंने आरोप लगाया है कि 1 जनवरी को सुबह करीब 2 बजे एक कमरे में यौन उत्पीड़न हुआ, जब विंग कमांडर ने उन्हें नए साल का उपहार लेने के लिए एक कमरे में आने के लिए कहा। उन्होंने शिकायत में कहा है, 'मैंने उससे बार-बार ऐसा करने से मना किया और हर संभव तरीके से इसका विरोध करने की कोशिश की। अंत में मैंने उसे धक्का दिया और भाग गई। उसने कहा कि हम शुक्रवार को फिर मिलेंगे जब उसका परिवार चला जाएगा।'

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार फ्लाइंग ऑफिसर ने कहा कि उसे यह समझने में थोड़ा समय लगा कि उसके साथ क्या हुआ। उन्होंने कहा, 'मैं डर गई थी और मुझे नहीं पता था कि क्या करना है क्योंकि पहले भी ऐसे मामले हुए थे जब मुझे रिपोर्ट करने से हतोत्साहित किया गया था। इस घटना के बाद वह मेरे कार्यालय आया... उसने ऐसा व्यवहार किया जैसे कुछ हुआ ही न हो और उसकी आँखों में पश्चाताप का कोई निशान नहीं था।'
महिला अधिकारी ने कहा कि उसने दो अन्य महिला अधिकारियों से संपर्क किया और उन्होंने उसे शिकायत दर्ज करने के लिए कहा।

उन्होंने कहा, 'मैं मानसिक पीड़ा बता नहीं सकती, एक अविवाहित लड़की होने के नाते जिसने सेना में शामिल होकर इस तरह के जघन्य व्यवहार का सामना किया।'

महिला अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा, 'सेना के माहौल में नई होने के कारण मैं मानसिक सदमे में चली गई। मैं शर्मिंदा थी और... इस हद तक टूट गई थी... रिपोर्ट करने की हिम्मत नहीं थी। मैं मानसिक पीड़ा को बयां नहीं कर सकती, एक अविवाहित लड़की होने के नाते... इस तरह के जघन्य व्यवहार के कारण... इस घटना और बुरे सपनों ने मुझे दुविधा में डाल दिया कि क्या चर्चा करूं या चुप रहूं, आखिरकार मैंने फैसला किया और लड़ने का फैसला किया।' अधिकारी ने स्टेशन के वरिष्ठ आईएएफ़ अधिकारियों पर उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया है।

देश से और ख़बरें

उन्होंने आरोप लगाया है कि स्टेशन को आंतरिक समिति बनाने में दो महीने लग गए और जब समिति बनी तो यौन अपराधी की सहायता करने के लिए स्टेशन अधिकारियों का पक्षपात मेरे लिए बहुत दुखद था। उन्होंने आरोप में कहा है, 'मेरे कई बार आग्रह करने पर भी मेडिकल जांच नहीं की गई। आंतरिक समिति द्वारा जांच के अंतिम दिन यह किया गया।'

शिकायतकर्ता के अनुसार, समिति ने बाद में कहा कि 'चश्मदीद गवाह की कमी' के कारण यह 'अनिश्चित है कि घटना हुई थी या नहीं'। उन्होंने कहा कि जांच 15 मई को ख़त्म हो गई और 'आज तक किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है और मुझे कोई सूचना नहीं दी गई है'।

महिला अधिकारी ने आरोप लगाया कि जब उन्हें पता चला कि भारतीय वायुसेना के अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, तो उन्हें मजबूरन जम्मू-कश्मीर पुलिस में एफआईआर दर्ज करानी पड़ी।

सम्बंधित खबरें

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार नई दिल्ली में भारतीय वायुसेना के जनसंपर्क अधिकारी ने एफआईआर और महिला अधिकारी के आरोपों पर टिप्पणी मांगने वाले ईमेल का जवाब नहीं दिया।

महिला अधिकारी के वकील कर्नल अमित कुमार (सेवानिवृत्त) ने कहा कि यह समझना होगा कि ऐसी घटनाओं की रिपोर्ट करने के लिए कितनी हिम्मत की जरूरत होती है। उन्होंने कहा, 'वह एक जूनियर अधिकारी है और उससे मौजूदा कानूनों और कार्रवाइयों को जानने की उम्मीद नहीं की जाती है। ऐसे वरिष्ठ अधिकारियों से निपटने में कमांडिंग ऑफिसर की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें