कुछ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि ऐसा लगता है कि केंद्र का रवैया पहले से बदल गया है। इसने केंद्र द्वारा सोमवार को दायर हलफनामे को लेकर कहा कि 25 मार्च को दाखिल किए गए हलफनामे से कुछ हद तक वह पीछे हट गया है। अदालत ने कहा है कि यह ठीक नहीं है।
हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने में केंद्र का रुख बदला: सुप्रीम कोर्ट
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- 10 May, 2022
कुछ राज्यों में हिंदुओं को अल्पसंख्यक का दर्जा देने पर क्या केंद्र सरकार का रवैया ही विरोधाभासी है? आख़िर उसके रवैये पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराज़गी क्यों जाहिर की है?

सुप्रीम कोर्ट के बार-बार जोर दबाव देने के बाद केंद्र ने 25 मार्च के हलफनामे में यह कहते हुए अपनी ज़िम्मेदारी से बचने की कोशिश की थी कि समवर्ती सूची की शक्तियाँ राज्यों को भी अल्पसंख्यक का दर्जा देने का अधिकार देती हैं। जबकि 9 मई को दायर नए हलफनामे में केंद्र ने कह दिया है कि 'अल्पसंख्यकों को अधिसूचित करने की शक्ति केंद्र के पास है'। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने कहा कि इस मामले के दूरगामी प्रभाव होंगे और राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों के साथ चर्चा के लिए और समय चाहिए।