सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तीन आपराधिक कानूनों- भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने जुर्माना लगाने की चेतावनी देते हुए याचिका को वापस लेने का विकल्प दिया तो याचिकाकर्ता ने उसे वापस ले लिया और इसके साथ ही अदालत ने केस को खारिज कर दिया।
तीन आपराधिक क़ानूनों को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में खारिज क्यों?
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- 20 May, 2024
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश तीन क़ानूनों से जुड़े विधेयक पिछले साल दिसंबर महीने में पास हो गये और राष्ट्रपति ने भी इस पर सहमति दे दी है। जानिए, सुप्रीम कोर्ट में याचिका क्यों लगाई गई थी और यह खारिज क्यों हुई।

इस मामले की सुनवाई जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी और जस्टिस पंकज मित्तल की पीठ कर रही थी। अधिवक्ता विशाल तिवारी ने याचिका लगाई थी। याचिका में दावा किया गया था कि भारतीय दंड संहिता यानी आईपीसी, आपराधिक प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम को बदलने के लिए बनाए गए नए कानूनों में कई विसंगतियाँ हैं। याचिका में कहा गया कि विधेयकों को संसदीय बहस के बिना पारित किया गया क्योंकि अधिकांश विपक्षी सांसद निलंबित थे। याचिका में अदालत से तीन नए आपराधिक कानूनों की व्यवहार्यता का आकलन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के तत्काल गठन के निर्देश देने की मांग की गई थी।