काम करने के विवादास्पद तौर तरीक़ों के लिए सुप्रीम कोर्ट से आलोचना झेलती रही सीबीआई के काम का अब आकलन किया जाएगा। यह शायद पहली बार होगा। सुप्रीम कोर्ट यह देखना चाहता है कि सीबीआई मामलों को तार्किक निष्कर्ष पर पहुँचाने में कितनी सफल है और अभियोजन में एजेंसी का प्रदर्शन कैसा है। अदालत ने एजेंसी की सफलता दर का विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। अदालत ने सीबीआई निदेशक को निर्देश दिया कि वह उन मामलों की संख्या को उसके सामने रखे जिनमें एजेंसी निचली अदालतों और उच्च न्यायालयों में अभियुक्तों को दोषी ठहराने में कितनी सफल रही।
'पिंजरे में बंद तोते' सीबीआई के काम का आकलन क्यों करेगा सुप्रीम कोर्ट?
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- 4 Sep, 2021
सुप्रीम कोर्ट सीबीआई के काम का आकलन करेगा। अदालत ने एजेंसी की सफलता दर का विश्लेषण करने का निर्णय लिया है। सीबीआई को चार हफ्ते में डाटा देना होगा।

देश की शीर्ष अदालत उस प्रीमियर जाँच एजेंसी की आकलन करना चाहती है जिसके बारे में उसकी राय बहुत अच्छी नहीं रही है। जिसकी जाँच पर सुप्रीम कोर्ट अक्सर सवाल उठाता रहा है। 2013 में कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में सीबीआई जांच की प्रगति रिपोर्ट पर तो सुप्रीम कोर्ट ने जो टिप्पणी की थी वह एक बड़ा उदाहरण बन गई है। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि 'सीबीआई पिंजरे में बंद ऐसा तोता बन गई है जो अपने मालिक की बोली बोलता है। यह ऐसी अनैतिक कहानी है जिसमें एक तोते के कई मालिक हैं।'