अनुच्छेद 370 में फेरबदल के क़रीब पाँच महीने बाद भी अमेरिका जम्मू-कश्मीर में स्थिति को लेकर 'चिंतित' है। उसने यह चिंता सार्वजनिक तौर पर ज़ाहिर की है। दरअसल, 15 देशों के रजनयिकों के जम्मू-कश्मीर के दौरे को लेकर अमेरिकी विदेश विभाग ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। इसने कहा है कि पिछले साल से ही जम्मू-कश्मीर में अप्रत्याशित पाबंदी के बीच यह दौरा 'एक महत्वपूर्ण क़दम' है, लेकिन आम लोगों व राजनेताओं की हिरासत और इंटरनेट के बंद रहने से वह चिंतित है। बता दें कि इस 15 देशों के राजनयिकों में अमेरिका के भारत में राजदूत भी शामिल थे। इसी हफ़्ते भारत के सुप्रीम कोर्ट ने भी जम्मू-कश्मीर में स्थिति पर सरकार से रिपोर्ट माँगी है और इंटरनेट की पाबंदी पर सख़्त टिप्पणी की है। इसने कहा है कि लोगों को इंटरनेट के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।