क्या कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ के सदस्यों की जमा राशि पर ब्याज दर तय करने में संगठन के केंद्रीय न्यासी बोर्ड के हाथ अब बंध गये हैं? अब तक बिना मंत्रालय से मंजूरी के ही ब्याज दर की घोषणा करते आ रहे ईपीएफ़ओ को ब्याज दर की सार्वजनिक घोषणा से पहले वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने को कहा गया है। ईपीएफओ श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के अंतर्गत आता है। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत इंडियन एक्सप्रेस द्वारा प्राप्त ईपीएफ़ओ, वित्त मंत्रालय और श्रम और रोजगार मंत्रालय से मिली जानकारी के आधार पर यह दावा किया गया है।
अब ईपीएफओ ब्याज दर तय करने में वित्त मंत्रालय का हस्तक्षेप होगा!
- अर्थतंत्र
- |
- 17 Sep, 2023
क्या अब ईपीएफओ के सदस्यों को उनकी जमा राशि पर उतना ब्याज नहीं मिलेगा जितना ज़्यादा मिलता रहा है? जानिए, आख़िर ब्याज दर की घोषणा से पहले वित्त मंत्रालय से मंजूरी लेने को क्यों कहा गया।

वैसे, पिछले कुछ वर्षों में वित्त मंत्रालय ने ईपीएफओ द्वारा बरकरार रखी गई ऊँची ब्याज दर पर सवाल उठाया है। इसने लगातार समग्र ब्याज दर की स्थिति के अनुकूल ही इसे घटाकर 8 प्रतिशत से कम करने के लिए कहा है। फिलहाल, वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (8.2 प्रतिशत) के लिए ब्याज दर को छोड़कर, अन्य सभी छोटी बचत योजनाओं पर ईपीएफओ द्वारा घोषित ब्याज दर से कम ब्याज दर है।