चुने हुए बांगला गीतों के अनुवाद पर आधारित रचना 'गीतांजलि' को नोबल पुरस्कार मिलने पर जब स्वदेश के लोगों ने रवीन्द्रनाथ ठाकुर की मुक्तकंठ से प्रशंसा करना आरम्भ किया तब गुरुदेव ने उदास लहजे में यही कहा कि यह गीत तो मैंने पहले ही आपके लिए आपकी भाषा में लिख दिये थे, तब आपने इन पर ध्यान देना ज़रूरी नहीं समझा।
बुकर मिला तो क्या हिन्दी भाषी लोगों में पढ़ने-लिखने की रुचि बढ़ेगी?
- साहित्य
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- 27 May, 2022

गीतांजलि श्री का 'रेत समाधि' अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतने वाला भारतीय भाषा का पहला उपन्यास बना है तो क्या हिंदी भाषी समुदायों में लिखने-पढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा? क्या लोग किताबों के प्रति रुचि लेंगे?
अब हिन्दी की रचनाकार गीतांजलि श्री को 'रेत समाधि' के अंग्रेजी अनुवाद पर अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार मिला है। भारत में, विशेष कर हिन्दी जगत में खुशी की लहर दौड़ गयी है। निस्संदेह यह एक बड़ी उपलब्धि है। अरुंधति राय और झुम्पा लाहिड़ी को उनकी अंग्रेजी की रचनाओं के लिए इससे पहले ऐसी महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल हुई थीं। क्या गीतांजलि श्री को बुकर पुरस्कार मिलने के बाद हिन्दी भाषी समुदाय की पढ़ने लिखने की रुचि में कुछ विस्तार होगा?