एक अच्छे कवि का सामर्थ्य केवल इतना नहीं होता कि वह जो दिख रहा है उसे संवेदनशीलता के साथ सशक्त भाषा के ज़रिए प्रभावशाली ढंग से व्यक्त कर सकता है और उसके उस अर्थ को रचता एवं परिभाषित करता है जो सामान्य की नज़र में नहीं आता। उसके सामर्थ्य की परीक्षा एक से अधिक मोर्चों पर होती है। उसे विचारों, संवेदनाओं और संप्रेषण, हर प्रतिमान पर खरा उतरना होता है। इसीलिए अच्छी कविता भी बहुस्तरीय होती है, वह चालू मुहावरों को तोड़कर कहन का नया अंदाज़ रचती है। वह अपनी भाषा या गढ़न से केवल चमत्कृत नहीं करती, कोई कौतूहल या खुशनुमा एहसास ही पैदा नहीं करती बल्कि पाठक के अंदर एक बेचैनी को भी जन्म देती है। वह देश और काल दोनों का अतिक्रमण करती है, उनके आरपार देखती है और वर्तमान को अतीत एवं भविष्य से जोड़ती भी चलती है।
पुस्तक समीक्षा: मनुष्यता के रितुरैण में कविता का ग्रीष्म
- साहित्य
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- 29 Mar, 2025

शिरीष कुमार मौर्य का नया कविता संग्रह रितुरैण इस विश्वास को और भी पुख़्ता करता है कि एक कवि के रूप में उनकी यात्रा नए मार्गों का अन्वेषण करते हुए निरंतर आगे बढ़ रही है। रितुरैण में उन्होंने ऋतुओं के आवागमन को एक नई दृष्टि के साथ देखा और प्रस्तुत किया है। ये नई दृष्टि गहरी मानवीय संवेदनाओं और सामाजिक सरोकारों से रची-बसी है। ये दृष्टि उनमें पहले नहीं थी ऐसा नहीं है।