मायावती जी, देश की प्रधानमंत्री?लाख टके का सवाल है?
सपा-बसपा गठबंधन से क्या मायावती बन पाएँगी प्रधानमंत्री?
- चुनाव 2019
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- 29 Mar, 2025

सपा-बीएसपी में गठबंधन पर अखिलेश-मायावती ने साझा प्रेस कॉन्फ़्रेंस की। इसमें क्या प्रधानमंत्री दावेदारी पर समझौता हुआ है? पढ़िए, इस सवाल पर अखिलेश का जवाब कि क्या प्रधानमंत्री के रूप में वह मायावती को सपोर्ट करेंगे?
शनिवार 12 जनवरी को लखनऊ की बहुप्रतीक्षित प्रेस कान्फ्रेंस में पत्रकार सुभाष मिश्रा ने पूछा, 'अखिलेश जी आप प्रधानमंत्री पद के लिए मायावती जी के दावे को सपोर्ट करेंगे?'
जवाब में अखिलेश बोले, 'आपको पता है कि मेरा समर्थन किसको होगा? मैं चाहता हूँ कि देश का अगला प्रधानमंत्री उत्तर प्रदेश से ही हो!'
दरअसल, सपा-बसपा गठबंधन मायावती के लिए सिर्फ़ दोनों पार्टियों के बीच 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए सीटों का बँटवारा भर नहीं है। बल्कि गठबंधन की 'डील' के पीछे मायावती के इरादे कुछ और ही हैं!
असल कहानी यह है कि मायावती लखनऊ को अखिलेश को सौंप रही हैं और चाहती हैं कि जवाब में अखिलेश अपना सारा दमख़म मायावती जी को प्रधानमंत्री बनाने में लगाएँ। पर अखिलेश सावधानी से अपने शब्द और वाक्य चयन कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेन्स में मायावती ने कांग्रेस की बड़ी आलोचना की, लेकिन अखिलेश ने कांग्रेस पर चुप्पी ही रखी। मायावती ने तो यहाँ तक एलान किया कि वह अब कांग्रेस से किसी राज्य में कोई चुनावी समझौता नहीं करेंगी। लेकिन कांग्रेस पर मायावती की टिप्पणियों को लेकर पूछे गए एक सवाल का सीधा जवाब देने से अखिलेश कन्नी काट गए।
- तो क्या मायावती प्रधानमंत्री बन सकती हैं? उन्हें कौन-कौन समर्थन दे सकता है? कौन उनकी राह का रोड़ा बनेगा?
मायावती की अपनी खुद की पार्टी बीएसपी उत्तर प्रदेश में 38 सीटें लड़ने जा रही है। इतनी ही सीटें अखिलेश लड़ेंगे। अमेठी और रायबरेली की दो सीटें बिना गठबंधन के कांग्रेस के लिए छोड़ी जा रही हैं और बाक़ी दो सीटे सहयोगी दलों को दी जाएँगी। पहले ख़बरें थीं कि अजित सिंह का राष्ट्रीय लोकदल भी इस गठबंधन में शामिल होगा। लेकिन इस प्रेस कॉन्फ़्रेन्स में किसी ने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया कि उसे साथ लिया जाएगा।