मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ प्रतिपक्ष कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव दो दिन की लंबी चर्चा के बाद गुरुवार को औधें मुंह गिर गया। सदन की संख्या के मान से इस प्रस्ताव का गिर जाना सुनिश्चित था। राज्य विधानसभा के चुनावी साल के ठीक पहले शिवराज सरकार की कथित कारगुजारियों, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर घेराबंदी के प्रयास में कांग्रेस उलट ‘फंस’ गई। दरअसल प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत से लेकर सरकार के जवाब तक कमलनाथ की अनुपस्थिति न केवल सुर्खियों में रही, बल्कि उनके सदन में न आने से कांग्रेस की जबरदस्त घेराबंदी का अवसर सत्तापक्ष को मिल गया।
कमलनाथ बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव से 'दूर' क्यों रहे?
- मध्य प्रदेश
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- 31 Dec, 2022

मध्य प्रदेश में जब कांग्रेस नेता कमलनाथ शिवराज सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव ला रहे थे तो फिर वह सदन से गायब क्यों हुए?
बता दें कि राज्य विधानसभा के सोमवार से शुरू हुए पांच दिवसीय शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन प्रतिपक्ष कांग्रेस ने शिवराज सिंह सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सूचना दे दी थी। सूचना के बाद दो दिन आसंदी (विधानसभा स्पीकर) और सरकार पर इस प्रस्ताव को चर्चा में लेने का दबाव कांग्रेस पक्ष द्वारा बनाया गया। आसंदी और सरकार की मंजूरी के बाद ऐसा लगा कि कांग्रेस न केवल अपने मंसूबे में सफल हुई, बल्कि प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सत्तापक्ष को जमकर धोयेगी।