मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार के खिलाफ प्रतिपक्ष कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव दो दिन की लंबी चर्चा के बाद गुरुवार को औधें मुंह गिर गया। सदन की संख्या के मान से इस प्रस्ताव का गिर जाना सुनिश्चित था। राज्य विधानसभा के चुनावी साल के ठीक पहले शिवराज सरकार की कथित कारगुजारियों, भ्रष्टाचार और अन्य मुद्दों पर घेराबंदी के प्रयास में कांग्रेस उलट ‘फंस’ गई। दरअसल प्रस्ताव पर चर्चा की शुरुआत से लेकर सरकार के जवाब तक कमलनाथ की अनुपस्थिति न केवल सुर्खियों में रही, बल्कि उनके सदन में न आने से कांग्रेस की जबरदस्त घेराबंदी का अवसर सत्तापक्ष को मिल गया।