मध्यप्रदेश में गोकशी को लेकर कमलनाथ सरकार द्वारा आरोपियों के ख़िलाफ़ की गई रासुका की कार्रवाई पर कांग्रेस विधायक ने ही सवाल उठा दिये हैं। भोपाल ज़िले के पार्टी विधायक ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को खत लिखकर संबंधित ज़िले के कलेक्टर को हटाते हुए पूरे मामले की जाँच एसआईटी से कराने की माँग की है। विधायक ने शुक्रवार को भोपाल प्रवास पर आये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के समक्ष भी इस मसले को उठाया। उधर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने भी एनएसए लगाये जाने को सही नहीं ठहराया है।
गोकशी पर कमलनाथ सरकार की कार्रवाई का ‘अपनों’ का ही विरोध क्यों?
- मध्य प्रदेश
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- 10 Feb, 2019

मध्यप्रदेश में गोकशी को लेकर कमलनाथ सरकार द्वारा आरोपियों के ख़िलाफ़ की गई रासुका की कार्रवाई पर कांग्रेस विधायक ने ही सवाल उठा दिये हैं।
बता दें कि खंडवा ज़िला प्रशासन ने गोकशी से जुड़े एक मामले में चार फ़रवरी को तीन आरोपियों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की है। कमलनाथ सरकार द्वारा की गई यह कार्रवाई देश भर में सुर्खियों में रही है। गोकशी को लेकर मध्यप्रदेश बेहद बदनाम सूबों में शुमार है। बीजेपी की सरकार में गोकशी की ख़बरें ख़ूब सुर्खियों में रहीं। गोकशी में लिप्त पाये गये लोगों पर तत्कालीन सरकार में हुई कार्रवाई पर प्रतिपक्ष में रहते हुए कांग्रेस जमकर सवाल उठाती रही। कांग्रेस की सरकार में गोकशी को लेकर सख़्त कार्रवाई (एनएसए) का अब प्रतिपक्ष में बैठी बीजेपी तो स्वागत कर रही है, लेकिन कांग्रेस के नेता ही अपनी सरकार की कार्रवाई को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं।
- भोपाल ज़िले की भोपाल मध्य सीट से कांग्रेस के विधायक आरिफ मसूद ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र (पत्र की प्रतिलिपि सत्य हिन्दी के पास है) लिखा है। इसमें खंडवा की गोकशी की घटना को शर्मनाक मानते हुए उन्होंने लिखा है, ‘दोषियों पर कार्रवाई किए जाने के पहले दूसरे पक्ष को सुना जाना चाहिये था। मामले में एक पक्ष को सुनकर कलेक्टर द्वारा आनन-फानन में गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई के साथ ही रासुका लगा दिया जाना न्यायोचित नहीं है।’ मसूद ने मुख्यमंत्री से माँग की है, ‘सरकार अलग से एसआईटी गठित कर पूरे मामले की जाँच कराये, जाँच प्रभावित न हो इसके लिए कलेक्टर को ज़िले से पहले हटा दिया जाये।’