डर अब ‘द कश्मीर फ़ाइल्स’ देखने को लेकर नहीं बल्कि इस बात पर सोचने से ज़्यादा लग रहा है कि अब अगर विभाजन की ‘वास्तविकता’ पर फ़िल्में बनाई गईं तो वे कैसी होंगी?
नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के बीच बीते सालों में बहुत कुछ घटा है। योगी के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान नीतीश की सोशल मीडिया पर वायरल हुई एक तसवीर ने दोनों नेताओं के रिश्तों पर चर्चा छेड़ दी है।
कश्मीरी पंडितों का पलायन दुखद है। लेकिन क्या भारत में यही एक पलायन है? क्या किसी को अंदाज़ा है कि विकास और रोज़गार के नाम पर कितने भारतीयों को विस्थापित होना पड़ा है?
सरकार की पाँच किलो अनाज देने की घोषणा का क्या मतलब था? यह पिछले विधानसभा चुनाव में भी दिख गया। भले ही पेट भरा रहने वाले लोग इसे किसी भी नज़रिए से देखें, भूख के डर में रहा व्यक्ति इसे कैसे देखेगा?
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘द कश्मीर फाइल्स’ नहीं बनी थी तो इतना बड़ा सच छुपा रहा। क्या सच में ऐसा है? क्या इस फिल्म में किसी सवाल का जवाब मिला? या यह फ़िल्म प्रतिशोध के लिए एक प्रोग्रामिंग है?
दुनिया के तमाम मुल्क़ महंगाई का दंश झेल रहे हैं। इसका सबसे ज़्यादा असर ग़रीब और मध्यम वर्ग पर हो रहा है। इस बीच रूस-यूक्रेन के युद्ध के कारण हालात और ख़राब हुए हैं।
द कश्मीर फाइल्स फिल्म पर जबरदस्त विवाद है फिर भी इसे सरकार बढ़ावा दे रही है। क्या किसी ऐसी फिल्म को चलाने की इजाजत भी मिलनी चाहिए जिससे नफरत को बढ़ावा मिलता हो?
फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी, रंगभरी एकादशी होती है। बनारस के लिए इसका ख़ास महत्व क्यों है? होली क्यों सब त्योंहारों से अलग है। पढ़िए हेमंत शर्मा की टिप्पणी...
हिजाब पर कर्नाटक हाई कोर्ट के फैसले के बाद देश भर में इसके समर्थन व विरोध पर चर्चा हो रही है। लेकिन दुनिया के कई मुसलिम और यूरोपीय देशों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगा रखा है।
उत्तर प्रदेश के चुनाव में बीएसपी की करारी हार के बाद पार्टी की मुखिया मायावती की लगातार आलोचना हो रही है। बीजेपी की जीत के लिए भी उन्हें जिम्मेदार बताया जा रहा है।