जनता पार्टी की सरकार में मची उथल-पुथल के बीच आरएसएस के प्रति निष्ठा और दोहरी सदस्यता का सवाल उठने पर जब पूर्व जनसंघ नेताओं ने 6 अप्रैल 1980 को भारतीय जनता पार्टी का गठन किया तो ‘गाँधीवादी समाजवाद’ को वैचारिक अवधारणा के रूप मे स्वीकार किया गया। बीजेपी के दस्तावेज़ों में ‘गाँधीवादी समाजवाद’ आज भी उसकी ‘पंचनिष्ठाओं’ में दर्ज है।
योगी आदित्यनाथ का ‘समाजवाद’ पर हमला ख़तरे की आहट!
- विचार
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- 29 Mar, 2025

समाजवाद भारतीय संविधान की प्रस्तावना का हिस्सा है। बीजेपी के दस्तावेज़ों में ‘गाँधीवादी समाजवाद’ आज भी उसकी ‘पंचनिष्ठाओं’ में दर्ज है। इसके बावजूद योगी आदित्यनाथ ने समाजवाद की अवधारणा पर हमला किया। यह एक खतरनाक फासिस्ट सोच को बताता है।

योगी आदित्यनाथ।



























