क्या वोट के लिए मुफ़्त में सामान बाँटने जैसी पेशकश करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? यदि नहीं है तो क्या इसे उल्लंघन के दायरे में नहीं होना चाहिए? यह सवाल एक ऐसे ही विज्ञापन के बाद उठ रहा है। 'माई फ़र्स्ट वोट फॉर मोदी' नाम के फ़ेसबुक पेज पर मोदी को वोट देने का वचन लेने पर मुफ़्त में सामान बाँटने की पेशकश की गयी है। यह सवाल तब और महत्वपूर्ण हो जाता है जब इस बार आचार संहिता में कुछ संशोधन कर इसके दायरे में अब सोशल मीडिया को भी लाया गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा कह चुके हैं कि सोशल मीडिया पर कड़ी नज़र रखी जाएगी।
क्या सोशल मीडिया पर ‘नोट के बदले वोट’ का प्रचार जायज़?
- सोशल मीडिया
- |
- 28 Mar, 2019
क्या वोट के लिए मुफ़्त में सामान बाँटने जैसी पेशकश करना चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है? यदि नहीं है तो क्या इसे उल्लंघन के दायरे में नहीं होना चाहिए? यह सवाल एक ऐसे ही विज्ञापन के बाद उठ रहा है।
