मणिुपर हिंसा के बाद हालात अब कुछ बेहतर होने लगे हैं, लेकिन सवाल है कि हिंसा की असल वजह क्या है? क्या सिर्फ़ यह कि एक समुदाय को एसटी यानी अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिए जाने को लेकर अदालत का आदेश आया है? या फिर कुछ और भी वजहें हैं?
इन सवालों के जवाब पाने से पहले यह जान लें कि राज्य में पिछले दो-तीन दिनों में क्या-क्या घटनाक्रम घटे हैं। हजारों आदिवासियों ने बुधवार को राज्य के 10 पहाड़ी जिलों में एक मार्च निकाला। इन जिलों में अधिकांश आदिवासी आबादी निवास करती है। यह मार्च इसलिए निकाला गया कि मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने के प्रस्ताव का विरोध किया जाए। मेइती समुदाय की आबादी मणिपुर की कुल आबादी का लगभग 53% है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है।