भारतीय रंग महोत्सव में प्रदर्शित यह नाटक रूस के कलाकारों के संघर्ष को भी बयान करता है। इस नाटक को वरिष्ठ पत्रकार शैलेश ने पूरी गंभीरता के साथ देखा है, आप भी जानिएः
बाउल संगीत पश्चिम बंगाल का अपनी तरह की शैली का संगीत है। यह अध्यात्मिक रूप लेकर हमारे सामने आता है। जो सुनता है, वही इसका मुरीद हो जाता है। शैलेश से जानिए इस गायन शैली को किन लोगों ने जिन्दा रखा है।