महिलाओं के चरित्र को टारगेट वाले सुल्ली डील्स औऱ बुली बाई ऐप मामले में आरोपियों को दिल्ली की कोर्ट ने जमानत दे दी है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
सुल्ली डील्स, बुल्लाई बाई से मामला अब क्लब हाउस चैट तक पहुंच गया है, जहां मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया गया। इस पर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस भेजा है।
बुल्ली बाई और सुल्ली डील ऐप को बनाने वाले दोनों आरोपियों की विचारधारा क्या है? क्या दोनों अलग-अलग विचारधारा वाले हैं? आख़िर दोनों एक-दूसरे से किस तरह अलग हैं?
मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली ऐप सुल्ली डील मामले में दिल्ली पुलिस ने छह महीने बाद अब कार्रवाई क्यों की? जानिए, क्या बुल्ली बाई से भी है इसका संबंध।
मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने वाली बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ़्तार मुख्य आरोपी नीरज बिश्नोई मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ़्तार आरोपियों को भी जानता है। जानिए, पुलिस पूछताछ में उसने क्या कबूला।
कोरोना की वजह से नीरज विश्नोई कॉलेज नहीं आ रहा था। वह ऑनलाइन पढ़ाई कर रहा था। मामला सामने आते ही कॉलेज प्रबंधन हरकत में आया और उसने नीरज का सस्पेंशन आर्डर जारी कर दिया।
'बुल्ली बाई' ऐप मामले में भारी दबाव झेल रही दिल्ली पुलिस ने इसके मुख्य साज़िशकर्ता को पकड़ने का दावा किया है। जानिए, कौन है आरोपी और किस हालात में दिल्ली पुलिस की यह कार्रवाई हुई।
बुल्ली बाई ऐप मामले में गिरफ़्तार की गई उत्तराखंड की युवती के तार नेपाल से क्यों जुड़ रहे हैं? क्या मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने के पीछे कोई संगठन है?
मुंबई पुलिस कमिश्नर का कहना है कि श्वेता सिंह और विशाल झा ने अपने नेपाली दोस्त के साथ मिलकर इस एप्लीकेशन को 31 दिसंबर को बनाया था और इसको अपने कई दोस्तों के साथ शेयर किया था।
एक टेलीग्राम चैनल पर हिंदू महिलाओं की तसवीरें शेयर की गई हैं और उनके बारे में अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है। इसका पता चलते ही इस टेलीग्राम चैनल को ब्लॉक कर दिया गया है।
बुल्ली बाई ऐप से मुसलिम महिलाओं को निशाना बनाने के मामले के बाद मुंबई पुलिस और दिल्ली पुलिस में लोग तुलना कर रहे हैं। पूछ रहे हैं कि मुंबई पुलिस ने 2 दिन में कार्रवाई की तो दिल्ली पुलिस 6 माह में भी क्यों नहीं?