चुनावी रणनीति बनाने में माहिर चुनाव जीतने के लिए जाने जानी वाली बीजेपी आख़िर हिमाचल में कांग्रेस के सामने टिक क्यों नहीं पाई? क्या उसकी रणनीति ख़राब थी या फिर कुछ और चूक हुई?
बीजेपी के लिए इस बार बागी नेता मुसीबत का सबब बन गए हैं। 68 सीटों वाले हिमाचल प्रदेश में बीजेपी को 16 सीटों पर बगावत का सामना करना पड़ रहा है। तो क्या इस बार सत्ता में उसकी वापसी मुश्किल है?
राष्ट्रीय अध्यक्ष जैसे बड़े पद पर होने की वजह से जेपी नड्डा को बीजेपी को हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में जीत दिलानी ही होगी? लेकिन बगावत की वजह से बीजेपी का सत्ता में आना मुश्किल हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के गृह राज्य गुजरात में इतने बड़े बदलावों के बाद भी जब बगावत का कहीं कोई शोर नहीं है तो छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश में जेपी नड्डा सियासी हालात क्यों नहीं संभाल पा रहे हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने शनिवार 13 अगस्त को सामूहिक धर्मांतरण विरोधी बिल पास कर दिया। इसमें दो या दो ऊपर की संख्या को सामूहिक माना गया और अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान है। राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।
Satya Hindi news Bulletin सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। हिमाचल: आप के प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री बीजेपी में शामिल । महंगाई की मार: नींबू 300 के पार, बाकी सब्जियां भी महंगी ।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को दिल्ली क्यों तलब किया गया है और वह भी पाँच दिनों में दूसरी बार? वह बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात करने दिल्ली क्यों पहुँचे?
कांग्रेस सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में घेर कर सत्ता में आने वाली बीजेपी के नेता कथित तौर पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिर गए हैं। एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने पर बीजेपी मे ही घमासान मचा हुआ है।