लोकसभा चुनाव में चुनावी आचार संहिता के कथित उल्लंघन के नोटिस का अभी जवाब भी नहीं दिया गया है और बीजेपी ने फिर से 'मुस्लिम' राग छेड़ दिया है? क्या फिर से चेतावनी मिलेगी?
नेहरू जी के पास न घर बचा था और न नकदी। यही हाल इंदिरा गाँधी का भी था। उनके पास जो सोने-चाँदी के आभूषण थे, वह सभी उन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध के समय राष्ट्रीय रक्षा कोष में दान कर दिया था। तो फिर विरासत टैक्स को लेकर हमला क्यों?
पिछले पाँच दिनों से कांग्रेस के घोषणापत्र पर 'मुस्लिमपरस्त' होने और लोगों की संपत्ति 'घुसपैठिए' को देने के पीएम मोदी के आरोपों पर कांग्रेस अध्यक्ष ने खुला ख़त लिखा है। जानिए, उन्होंने चुन-चुन कर क्या जवाब दिया है।
लोकसभा चुनावों के बीच भाजपा के तमाम नेता लगातार संविधान बदलने के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। संविधान बदलने की रट लगाने से बीजेपी को फायदा होगा या नुक़सान?
दुनिया में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी पर प्रधानमंत्री जिस तरह से प्रहार कर रहे हैं क्या उसका विपरीत असर उन मतदाताओं पर भी नहीं पड़ रहा होगा जिनकी गिनती मोदी-समर्थकों में होती है?
कांग्रेस के मैनिफेस्टो के बारे में संपत्ति के फिर से बँटवारे, संपत्ति को 'घुसपैठिए' को देने का आरोप लगा रही बीजेपी को अब कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के बयान में मौक़ा मिल गया है। जानिए, पित्रोदा ने क्या कहा और कांग्रेस ने खुद को उनके बयान से अलग क्यों किया।
अब नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को ‘ज़्यादा बच्चा पैदा करने वाले’ कहा है, उसके बारे में नीतीश कुमार की क्या राय होगी? क्या मुसलमान अपने बारे में ऐसे जहरीले बयान सुनकर भी नीतीश कुमार के कहने पर एनडीए को वोट देंगे?
अकाली दल ने पीएम मोदी के वीडियो बयान पर पहली बार सीधे प्रधानमंत्री को निशाना बनाया है। जानिए, आख़िर अकाली दल के नेता ने क्यों कहा कि नफ़रत एक अलग स्तर पर पहुँच गई है।
लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के बाद राजस्थान में पीएम मोदी के भाषण में कथित धर्म के इस्तेमाल पर बवाल क्यों है? जानिए, विपक्षी नेता से लेकर सोशल मीडिया यूज़र तक क्या लिख रहे हैं।
उद्धव ठाकरे ने क्या चुनाव आचार संहिता को लेकर पीएम मोदी और अमित शाह का नाम लेकर चुनाव आयोग को दुविधा में डाल दिया है? जानिए, शिवसेना (यूबीटी) को मिले नोटिस पर उन्होंने क्या सवाल किया।
मनमोहन सिंह के एक बयान पर 18 साल से क्या बार-बार झूठ फैलाया जा रहा है? वह भी तब जब इसको कई बार फैक्ट चेक किया जा चुका है? अब लोकसभा चुनाव के बीच पीएम मोदी ने फिर से वही बयान क्यों दे दिया?
जिनके विचारधारात्मक पुरखों ने मुस्लीम लीग के साथ सरकार बनाई थी और जिन विचारधाराओं को आंबेडकर मुस्लिम राष्ट्रवाद और हिन्दू राष्ट्रवाद की विचारधाराओं को एक खाँचे में रखते थे, वे आज कांग्रेस के घोषणापत्र पर मुस्लीम लीग की छाप क्यों बता रहे हैं?
बीजेपी ने 'मोदी की गारंटी' के नाम से घोषणापत्र जारी किया है तो कांग्रेस ने न्याय पत्र के नाम से। आख़िर दोनों में से कौन आम लोगों के हित में बात करता है? कौन से दावे के खोखले होने की संभावना है और किसके वास्तविक लगते हैं?