उत्तर प्रदेश में अप्रैल-मई में 46 दिन के भीतर 8,735 लोगों की जानें गई हैं। इनमें 1621 शिक्षक हैं। इसका मतलब यह है कि देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में बीते डेढ़ महीने में कोरोना वायरस से मरने वाला हर पाँचवाँ-छठा व्यक्ति कोई न कोई शिक्षक है। ऐसा क्यों? क्यों कोरोना को शिक्षक इतने प्रिय लगने लगे? क्या शिक्षक कोरोना वायरस से बेख़ौफ़ हो गये थे?