फ़ारस की खाड़ी एक बार फिर युद्ध की तरफ़ जाती दिख रही है। ईरान ने अमेरिकी ड्रोन मार गिराया है। दो तेल टैंकरों पर हमले हुए हैं। पर राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने ईरान पर जवाबी हमले के लिए अपनी स्वीकृति आख़िरी वक़्त में रोक ली है। हालाँकि अमेरिका खाड़ी में सैन्य शक्ति बढ़ाए जा रहा है, पर उतना नहीं जितना इराक़ युद्ध के पहले था। कच्चे तेल की क़ीमतें अन्तरराष्ट्रीय बाज़ार में 5 प्रतिशत बढ़ कर 65.33 डॉलर प्रति बैरल पहुँच चुकी है। बीमा कम्पनियों ने तेल टैंकरों पर बीमे की प्रीमियम की राशि पाँच करोड़ रुपए बढ़ा दी है। अमेरिका ने ईरान के परमाणु प्रतिस्ठानों पर साइबर हमले करने के आदेश दिए है और ईरान के सुप्रीम लीडर ख़ामेनि के विदेशी खातों को ज़ब्त करने की कोशिश भी जारी है।
अमेरिका ने ईरान पर हमला किया तो भारत को होगा नुक़सान
- दुनिया
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- 26 Jun, 2019

फ़ारस की खाड़ी में बढ़ते तनाव को देखते हुए सवाल उठने लगे हैं कि क्या अमेरिका ईरान पर हमला कर देगा? यदि ऐसा हुआ तो भारत को नुक़सान होना तय है।