प्रधानमंत्री की ओर से 13 अगस्त 2020 को देश को समर्पित नये फ़ेसलेस इनकम टैक्स सिस्टम से क्या वाक़ई देश में क्रान्तिकारी बदलाव के नये युग की शुरुआत हो जाएगी? सरकार ने आयकर संग्रह से जुड़े सबसे बड़े सुधारों का जो दावा किया है, उसकी ज़मीनी हक़ीक़त क्या है? नये सिस्टम में जिस Faceless Assessment, Faceless Appeal और Taxpayers Charter की बातें की गयी हैं, उसके मायने क्या हैं, उसमें नया क्या है और कैसे है तथा इससे किसे और कैसा फ़ायदा होगा? यदि आपमें भी इन सवालों की जिज्ञासा है तो आपके तमाम प्रश्नों का उत्तर है कि ये नोटबन्दी की श्रेणी वाला ही एक और एलान है।
आख़िर कैसा आर्थिक सुधार है आयकर का नया फ़ेसलेस सिस्टम?
- विश्लेषण
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- 16 Aug, 2020

प्रधानमंत्री की ओर से 13 अगस्त 2020 को देश को समर्पित नये फ़ेसलेस इनकम टैक्स सिस्टम से क्या वाक़ई देश में क्रान्तिकारी बदलाव के नये युग की शुरुआत हो जाएगी?
कोरोना के दस्तक देने से पहले ही भारत के आयकर संग्रह में दो दशकों की सबसे बड़ी यानी 8 फ़ीसदी वार्षिक की गिरावट आयी है। मार्च 2020 तक देश में प्रत्यक्ष कर के तौर पर 10.27 लाख करोड़ रुपये इकट्ठा हुए। प्रत्यक्ष कर के दो प्रमुख घटक हैं– आयकर और कॉरपोरेट टैक्स। आयकर का कुल संग्रह 4.58 करोड़ रुपये और कॉरपोरेट टैक्स की रक़म 5.56 लाख करोड़ रुपये रही। मोदी सरकार ने अपनी दूसरी पारी का पहला पूर्ण बजट जुलाई 2019 में पेश किया। पिछले साल की मन्दी को देखते हुए प्रत्यक्ष कर संग्रह के लक्ष्य को मार्च 2019 के मुक़ाबले जुलाई में 13.3 लाख करोड़ रुपये से घटाकर 11.7 लाख करोड़ रुपये कर लिया गया। हालाँकि, वित्त वर्ष ख़त्म होने तक वास्तविक संग्रह में 1.43 लाख करोड़ रुपये की कमी रह ही गयी।
मुकेश कुमार सिंह स्वतंत्र पत्रकार और राजनीतिक प्रेक्षक हैं। 28 साल लम्बे करियर में इन्होंने कई न्यूज़ चैनलों और अख़बारों में काम किया। पत्रकारिता की शुरुआत 1990 में टाइम्स समूह के प्रशिक्षण संस्थान से हुई। पत्रकारिता के दौरान इनका दिल्ली