आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने गुरुवार को एक बड़े फेरबदल से पहले राज्य मंत्रिमंडल के सभी मंत्रियों का इस्तीफा ले लिया है। मंत्रिमंडल के सभी 24 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है। सिर्फ़ मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ही अपने पद पर बने हुए हैं।
एक दिन पहले यानी बुधवार को राजभवन में राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंद्रन से मुख्यमंत्री की मुलाक़ात के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है। रिपोर्ट है कि मुख्यमंत्री आठ अप्रैल को नए मंत्रियों की सूची राज्यपाल को सौंपेंगे। नई मंत्रिपरिषद 11 अप्रैल को शामिल की जाएगी।
इस फेरबदल की पहले से ही संभावना जताई जा रही थी क्योंकि जगन मोहन रेड्डी ने पहले ही कहा था कि वह अपने कार्यकाल के मध्य में अपनी नयी टीम के साथ काम करेंगे। रिपोर्ट है कि वह दिसंबर महीने में ही यह फेरबदल करना चाह रहे थे, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से उसे टाल दिया गया था। अब इस फेरबदल को अंजाम दिया जा रहा है।
नए मंत्रिमंडल में राज्य के नवगठित 26 ज़िलों में से प्रत्येक से प्रतिनिधित्व होने की संभावना है। जाति, क्षेत्र, धर्म और लिंग को ध्यान में रखे जाने की संभावना है, जैसा कि उन्होंने जून 2019 में तब इसका ध्यान रखा था जब उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला था।
अब तक जगन मोहन रेड्डी के पांच उपमुख्यमंत्री थे, जिनमें से एक अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, कापू जाति और मुसलिम अल्पसंख्यक समुदाय से थे। कैबिनेट में तीन महिलाएं थीं। गृह मंत्री एम सुचरिता थीं जो दलित समुदाय की एक महिला थीं।
कैबिनेट फेरबदल पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व सूचना और जनसंपर्क मंत्री पेर्नी वेंकटरमैया ने कहा कि यह निर्णय 2024 के राज्य चुनावों पर ध्यान केंद्रित करके लिया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, 'सभी 24 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया। हमारा ध्यान 2024 के चुनावों से पहले पार्टी को मज़बूत करने पर है।'
बता दें कि जब जगन रेड्डी ने मई 2019 में मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभालने के साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह ढाई साल के बाद अपने मंत्रिमंडल का पूरा बदलाव करेंगे और एक नई टीम लेंगे।
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