देहरादून के मशहूर बैरिस्टर चंडी प्रसाद सिंह के बड़े बेटे (जन्म-1 सितंबर 1908) कृष्ण निरंजन सिंह अपनी बहन के इलाज के सिलसिले में कोलकाता नहीं गए होते तो बर्लिन ओलंपिक में हिस्सा लेकर खिलाड़ी बन गए होते। एक संभावना यह भी थी कि पिता की तरह इंग्लैंड जाकर लॉ की पढ़ाई कर लौटते और फिर उनकी तरह वकालत करते। उन्होंने एक बार देखा कि उनके पिता ने एक क़ातिल को क़ानून की गिरफ़्त से बचा लिया था। उनके युवा मन को धक्का लगा। उन्होंने सोचा कि अगर बैरिस्टर बन कर ऐसा ही कुछ करना होगा तो तौबा!