1952 में एक फ़िल्म आई थी- ‘बैजू बावरा’। बहुत मशहूर हुई थी। उस फ़िल्म का एक सीन था जिसमें बैजू ‘ओ दुनिया के रखवाले...’ गाता हुआ महल में प्रवेश करता है। सभी उसका गाना सुनकर मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। उसी वक़्त एक दरबारी यह कहते हुए दौड़ता हुआ आता है- ‘मेरा शागिर्द आ गया… मेरा शागिर्द आ गया’। बैजू का उससे कुछ लेना-देना नहीं था लेकिन वह चिल्ला-चिल्लाकर बैजू पर अपना ठप्पा लगा देता है।
प्रदूषण नियंत्रण: अपनी पीठ थपथपाना तो कोई केजरीवाल से सीखे!
- दिल्ली
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- 26 Sep, 2019

दिल्ली में प्रदूषण के मामले पर अरविंद केजरीवाल ने दावा किया है कि उनकी सरकार के आने के बाद प्रदूषण कम हो गया। प्रदूषण कम करने में उनका श्रेय लेना कितना जायज है?
मुझे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने या तो वह फ़िल्म देखी होगी या फिर इत्तिफ़ाक़ है कि वह उस सीन को अक्सर रिक्रिएट करते नज़र आते हैं। अब दिल्ली में प्रदूषण के मामले पर उन्होंने जिस तरह से यह दावा किया है कि मेरी सरकार के आने के बाद प्रदूषण कम हो गया या फिर वह डेंगू के मामले में जिस तरह अपनी सरकार को श्रेय दे रहे हैं, लगता है कि उनकी भूमिका ठीक उस दरबारी जैसी ही है जो बैजू पर अपना ठप्पा लगाता नज़र आता है। उस दरबारी की तरह ही केजरीवाल इतने विश्वास के साथ श्रेय लेते हैं कि सभी विश्वास भी कर लेते हैं।