क्या कोरोना की पहली लहर आने से पहले अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लग जाती तो भारत में इतने ख़राब हालात नहीं होते? क्या चीन की तरह स्थिति संभाली जा सकती थी? और अब जबकि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन दुनिया के कई देशों में फैल चुका है तो क्या अंतरराष्ट्रीय उड़ानें तुरंत रोक कर इससे बेहतर तरीक़े से निपटा जा सकता है?